Tuesday, 8 November 2011

मुहब्बतनामा


क्या  रक्खा  यार  मुहब्बत में |
दिल  जाता  हार  मुहब्बत में ||

होकर  बेकार   मुहब्बत   में |
छोड़ा  संसार  मुहब्बत    में || 

कर  भ्रष्टाचार  मुहब्बत   में | 
बेबस  सरकार  मुहब्बत में ||

बन  कर  ग़द्दार  मुहब्बत में |  
कर  बंटाधार  मुहब्बत   में ||

 पहले  था  प्यार  मुहब्बत  में | 
अब  कारोबार   मुहब्बत  में ||

जायज़ नाजायज़ बात उसकी |
मानी  हर  बार  मुहब्बत   में || 

बच्चा   नालायक   पढने   में |
पर  है  हुशियार  मुहब्बत में || 

याद  आये  दूध  छटी  का तब |

पड़ती  जब  मार  मुहब्बत में || 


चारागर   क्या  करता   कोई |
वो  है  बीमार  मुहब्बत    में || 

बूढ़े  हाथों  में  ख़िज़ाब  आया |
जब  टपकी  लार मुहब्बत में || 

दिलबर  की  देखिये  नादानी |
वो  मांगे  कार  मुहब्बत   में ||


फिर  दर पे उसके जा धमके |
हम  हैं  लाचार मुहब्बत  में ||  

हमने अब तक न सुना कोई |
उतरा  है  पार मुहब्बत   में ||  

क्या  देखा  है  तुमने   कोई ?
हमसा  दिलदार मुहब्बत में ||  

डा० सुरेन्द्र  सैनी