अक़्ल को जो बड़ी बतायेगा ।
भैंस वालो से लात खायेगा ॥
लुट के जो इश्क़ में हुआ नंगा ।
क्या निचोड़ेगा क्या नहायेगा ॥
आज उंगली पकड़ के चलता है ।
सब को उंगली पे कल नचाएगा ॥
जिसको कुछ भी हुआ नहीं हासिल ।
खट्टे अंगूर वो बतायेगा ॥
सब जवानी तो इश्क़ में गुज़री ।
अब बुढ़ापे में क्या कमायेगा ॥
कान पर उसके जूँ न रेंगेगी ।
ख़ाक उसको तू क्या सुनाएगा ॥
'सैनी' का बढ़ गया शुगर लेवल ।
अब जलेबी वो कैसे खायेगा ॥
डा० सुरेन्द्र सैनी
भैंस वालो से लात खायेगा ॥
लुट के जो इश्क़ में हुआ नंगा ।
क्या निचोड़ेगा क्या नहायेगा ॥
आज उंगली पकड़ के चलता है ।
सब को उंगली पे कल नचाएगा ॥
जिसको कुछ भी हुआ नहीं हासिल ।
खट्टे अंगूर वो बतायेगा ॥
सब जवानी तो इश्क़ में गुज़री ।
अब बुढ़ापे में क्या कमायेगा ॥
कान पर उसके जूँ न रेंगेगी ।
ख़ाक उसको तू क्या सुनाएगा ॥
'सैनी' का बढ़ गया शुगर लेवल ।
अब जलेबी वो कैसे खायेगा ॥
डा० सुरेन्द्र सैनी