बिल्कुल ही आज तो मियाँ ख़राब लाये हो |
ये कौन सी दुकान से क़बाब लाये हो ||
साज़िश ज़रूर आज कोई सरफिरे ने की |
पानी मिली हुई जो ये शराब लाये हो ||
मुझ को तो फूटी आँख से कभी नहीं देखा |
कमज़र्फ यार के लिए गुलाब लाये हो ||
दो घूँट आपसे कभी उधार क्या पी ली |
क्या अपने साथ आज वो हिसाब लाये हो ||
पहले ही नंगा कर चुकी है आशिक़ी तेरी |
अब कौन सा मिरे लिए अज़ाब लाये हो ||
मैंने सवाल आज तक किया नहीं कोई |
क्यूँ बेवजह ही तल्ख़ ये जवाब लाये हो ||
कहना ही था बुरा भला मुझे तो फिर ये क्यूँ |
बेकार अपने साथ ये हिजाब लाये हो ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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