जब ख़ुदा मेहरबान होता है ।
तो गधा पहलवान होता है ॥
उस कबाड़ी की पूछिए हालत ।
जिसका बेछत मकान होता है ॥
जब भी वो पान खाके आते हैं ।
लाल मेरा मकान होता है ॥
तब अकेले गुज़र नहीं होती ।
उम्र का जब ढलान होता है ॥
इश्क की इब्तिदा में अक्सर ।
मुट्ठी में आसमान होता है ॥
कैसे दे गा तुम्हे तस ल्ली वो ।
जब ख़ुदा बेज़बान हो ता है ॥
आशिक़ी छोड़ दे तू अब 'सैनी ' ।
तेरा बेटा जवान होता है ॥
डाo सुरेन्द्र सैनी
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