पहले जनाब पिटने की आदत तो डालिए |
फिर बागडोर इश्क़ की जम कर सम्भालिए ||
ख़ातिर को मेरी कूच -ए-जाना में दोस्तों |
उसने तमाम शहर के गुण्डे बुला लिए ||
हसरत भरी निगाह से देखा ही था उसे |
लोगों ने मेरी मौत के सामाँ जुटा लिए ||
मुद्दत के बाद आज कुछ कर्फ्यु में ढील है |
लिल्लाह इस मिलन को यूँ कल पर न टालिए ||
सिक्कों में तुलने के लिए लीडर बुलाये हैं |
रुपया अठन्नी आप भी थाली में डालिए ||
मेरा जनाज़ा देख के अब्बा ने उसके आज |
जितने भी पहरे उस पे थे सारे उठा लिए ||
अगले की आरज़ू जो की बीवी ने यूँ कहा |
पहले जो हो चुके हैं उन्ही को सम्भालिए ||
कल शाम उनकी बज़्म में मैं क्या चला गया |
लोगों ने अपने हाथों में जूते उठा लिए ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
फिर बागडोर इश्क़ की जम कर सम्भालिए ||
ख़ातिर को मेरी कूच -ए-जाना में दोस्तों |
उसने तमाम शहर के गुण्डे बुला लिए ||
हसरत भरी निगाह से देखा ही था उसे |
लोगों ने मेरी मौत के सामाँ जुटा लिए ||
मुद्दत के बाद आज कुछ कर्फ्यु में ढील है |
लिल्लाह इस मिलन को यूँ कल पर न टालिए ||
सिक्कों में तुलने के लिए लीडर बुलाये हैं |
रुपया अठन्नी आप भी थाली में डालिए ||
मेरा जनाज़ा देख के अब्बा ने उसके आज |
जितने भी पहरे उस पे थे सारे उठा लिए ||
अगले की आरज़ू जो की बीवी ने यूँ कहा |
पहले जो हो चुके हैं उन्ही को सम्भालिए ||
कल शाम उनकी बज़्म में मैं क्या चला गया |
लोगों ने अपने हाथों में जूते उठा लिए ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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