इसी चक्कर में बस इक दिन हमारी जान जायेगी ||
तुम्हारा मूड उखडा है चलो पिक्चर दिखा लाऊँ |
लगी है आज टाकिज में हसीना मान जायेगी ||
मुखौटा क्यूँ लगाते हो मियाँ बेकार चेहरे पर ?
हक़ीक़त एक दिन दुनिया ये सारी जान जायेगी ||
अगर दहलीज़ की बंदिश है चल चलते हैं मैख़ाने |
न तेरी शान जायेगी न मेरी आन जायेगी ||
बड़ी तिगडम से पायी है ये कुर्सी डर लगा रहता |
गई कुर्सी तो उसके साथ ज़र की कान जायेगी ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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