Wednesday, 29 August 2012

हुस्न की हड़ताल


हुस्न  वालो   की   हड़ताल  है |
आशिक़ों   का   बुरा   हाल  है ||

चल सियासत में रक्खें क़दम |
कुर्सी  पैसों  की   टकसाल   है ||

सब के मुहं पर यही एक बात |
आज    सरकार    बेहाल    है ||

नुक़्ता  चीं  है   हमारा  सनम |
नोचता    बाल   की  खाल  है ||

ज़ुर्मपेशा     बशर    के  लिए |
बस सियासत ही  तो ढाल है ||

मेरी  बेगम  को  फ़ुर्सत  नहीं |
घर   के पिछवाड़े ससुराल है ||

अस्ल  ख़ातून की   उम्र  क्या |
घटती  जाती  वो  हर साल है ||

सात  बच्चें   हैं  बेगम  कड़क |
शख़्स कितना वो ख़ुशहाल है ||

इश्क़ ‘सैनी ‘से अब क्या करें |
वो  तो  पहले   ही  कंगाल  है ||

डा० सुरेन्द्र  सैनी 

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