Tuesday, 6 March 2012

चमचें


कम्प्यूटरी डिजाइन मोडल परख नली (टेस्ट ट्यूब )के |
हम  चमचें  ख़ानदानी  इक्कीसवी  सदी  के ||

चमचें  अगर  न  होते  दुन्या  में  आदमी  के |
ये पावँ टिक न पाते कट  जाते  वो  कभी  के ||

परदादा    थे    हमारे    जयचंद   के    पडौसी |
ननसाल  थी   हमारी   पीहर    में  द्रोपदी  के ||

बिन  बात  रोना  धोना पैरों  में गिडगिडाना  |
जिसकी भी हो हुकूमत हम साथ  में उसी के ||

आका कहे जो दिन  है हम  रात क्यों बतायें |
करवा सकें जो चमचें बस में  न है ख़ुदी  के ||

चांदी के चंद सिक्कों में बेच  दें   वतन  को |
मिलते हैं दुश्मनों से जब  हाथ  दोस्ती  के ||

चमचों  से  मात  खाई  हुशियार आदमी ने |
चमचें तो होते ख़ुद के होते न ये किसी  के ||

डा० सुरेन्द्र  सैनी 


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