Tuesday, 20 March 2012

होली का ख़ुमार


पकौड़ी   में   खिला   दी   दोस्तों   ने   भांग   होली   में |
नशे   में   गिर   पड़े   गड्ढे    में   टूटी  टांग  होली  में ||

रुख़ -ए-रोशन पे कीचड का मुलम्मा क्या क़यामत था |
कि   जैसे   हो  गया  सारा  ही   सोना  रांग   होली   में ||

नयी चाची  को पहुंचे  रंग  लगाने   हम  शराफ़त  से |
अड़ा  दी  एन   मौक़े  पर  चचा   ने   टांग   होली  में ||

बिखर   के रह गए  अरमान  सारे  उनको रंगने  के |
नयी  साड़ी  की बीवी   ने जो कर दी मांग  होली में ||

ख़ुमारी भांग की उतरी तो उसने  की  तभी  तौबा |
पिलाएगा न ‘सैनी ’ख़ुद  पिएगा  भांग  होली  में ||

डा० सुरेन्द्र  सैनी 

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